Sunday, October 12, 2014


ऑल इंडिया पैरंट्स असोशिएशन के अध्यक्ष व जानेमाने वकील अशोक अग्रवाल बताते हैं कि एनसीपीसीआर ने कॉरपोरल पनिशमेंट को रोकने के लिए गाइडलाइंस बनाए थे और केंद्र सरकार ने तमाम स्कूलों को उसे लागू करने के लिए सर्कुलर जारी कर रखा है। गाइड लाइंस में कॉरपोरल पनिशमेंट को परिभाषित किया गया है। इसके तहत बच्चों के साथ किए जाने वाले किसी भी तरह के प्रताड़ना को कॉरपोरल पनिशमेंट माना गया है। अगर बच्चों को शारीरिक तौर पर किसी भी तरह से शोषण किया जाता है तो वह कॉरपोरल पनिशमेंट है। साथ ही अगर उसे किसी तरह से पीटा जाता है या कुछ ऐसा किया जाता है कि वह असहज महसूस करे या फिर किसी तरह से शारीरिक नुकसान पहुंचाया जाता है जैसे उसे चांटा मारा जाता है, केश खींचा जाता है, कान ऐंठा जाता है तो यह सब कॉरपोरल पनिशमेंट के दायरे में होगा। इसके अलावा अगर उसे किसी खास पोजिशन में खड़ा रखा जाता है या फिर बेंच पर खड़ा किया जाता है या फिर गलत तरीके से उसको पुकारा जाता है या फिर उस पर गलत तरीके से टिप्पणी की जाती है या फिर कुछ भी ऐसा किया जाता है जो बच्चे को किसी भी तरह से शारीरिक और मानसिक तौर पर नुकसान पहुंचता है तो वह कॉरपोरल पनिशमेंट माना जाएगा



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